आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2022: Online Registration
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आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2022:
COVID-19 महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को विभिन्न तरीकों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इस लेख में, आप आत्मानिर्भर भारत अभियान का विवरण पढ़ सकते हैं, जो कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित पूर्ण आर्थिक प्रोत्साहन और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2022 है।
आज दिनांक 12 नवंबर 2020 को हमारे देश की वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरंभ किया है यह योजना निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 31 मार्च 2022 तक कार्यरत रहेगी इसी श्रेणी में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को भी आरंभ किया गया था।
AatmaNirbhar Bharat Abhiyan (आत्मा निर्भार भारत अभियान):
When India speaks of becoming self-reliant, it doesn’t advocate a self-centred system. In India’s self-reliance; there is a concern for the whole world’s happiness, cooperation and peace. Hon’ble PM, Shri Narendra Modi
The Prime Minister has announced a Rs. 20 lakh crore economic package under the ‘AatmaNirbhar Bharat Abhiyaan’, to aid our country out of the Coronavirus crisis (by making us self-reliant). This section covers all the relevant Infographics, Videos, PDFs and certain Policy reform initiatives based on the announcements made by Honourable Finance Minister covering the ‘#AatmaNirbharBharatAbhiyaan’, in 5 tranches from 13th May till 17th May, 2020.
आत्मानिर्भर भारत अभियान महत्वपूर्ण बिंदु / Overview:
योजना का नाम | AatmaNirbhar Bharat Rojgar Yojana | |
आरम्भ की गई | श्रीमती निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister) | |
आरम्भ की तिथि | 12 November 2020 | |
लाभार्थी | सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic Caste Census: SECC) डेटाबेस के आधार पर छूटे हुए पात्र परिवारों का निर्धारण किया जाता है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पात्र परिवारों शामिल हैं। | |
उद्देश्य |
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य की COVID-19 महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को विभिन्न तरीकों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इसी महामारी के कारण अपना रोजगार गवा चुके लोगों को पुनः नए रोजगार के अवसर प्रदान करना और इस योजना से वह अपना और देश का अर्थव्यवस्था से सुधार होगा, तथा एक बार फिर से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होंगे, यह योजना निश्चित रूप से रोजगार प्रदान करने में एक सकारात्मक भूमिका निभा सकेगी। |
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योजना का प्रकार | केंद्र सरकार योजना | |
Official website | https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php |
पंजीकरण की अंतिम तिथि का किया गया विस्तार:
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के अंतर्गत घोषित कि गई थी। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जून 2021 निर्धारित की गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए दभारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले नए कर्मचारी एवं नए प्रतिष्ठान 31 मार्च 2022 तक इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण कर सकते हैं।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य हैं कि नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के माध्यम से उन कर्मचारियों को भी लाभ पहुंचाया जाएगा।
31 मार्च 2022 तक प्रदान किया जाएगा लाभ:
वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के द्वारा 28 जून 2021 को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का दायरा 30 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना को 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक के लिए आरंभ किया गया था। अब यह योजना 30 मार्च 2022 तक संचालित की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2021 है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह प्रोत्साहन सरकार द्वारा कर्मचारी एवं नियुक्ता का प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन जमा करके किया जाएगा। यदि किसी संस्था में 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो इस स्थिति में सरकार द्वारा केवल कर्मचारी कंट्रीब्यूशन ही जमा किया जाएगा।
इस योजना का लाभ 2 साल के लिए उन सभी कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा जिनकी मासिक आय ₹15000 या फिर ₹15000 से कम है। सरकार द्वारा इस योजना के संचालन के लिए कुल 22810 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। जिससे कि 58.50 लाख लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा। 18 जून 2021 तक 902 करोड़ रुपए की राशि 79577 संस्थानों के 21.42 लाख लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए खर्च की जा चुकी है।
इसी संकट को देखते हुए सरकार द्वारा पिछले वर्ष आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का आरंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा 2 सालों के लिए कर्मचारी एवं नियुक्ता का प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन जमा किया जाएगा।
इस योजना के माध्यम से सरकार का 58.5 लाख रोजगार सृजन करने का उद्देश्य है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का संचालन 1 अक्टूबर 2020 से किया जा रहा है। इस योजना की डेडलाइन 30 जून 2021 को समाप्त हो रही थी। अब इस डेडलाइन को सरकार द्वारा 31 मार्च 2022 कर दी गयी है
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना सर्वेक्षण:
श्रम मंत्री संतोष गंगवार द्वारा 18 फरवरी 2021 को नीति निर्माण के लिए आंकड़ों के महत्व पर जोर देते हुए प्रवासी एवं घरेलू श्रमिकों सहित 5 अखिल भारतीय सर्वेक्षण के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन लॉन्च करने का निर्णय लिया है। श्रम मंत्री द्वारा सर्वेक्षण के लिए दिशा-निर्देश एवं प्रश्नावली भी प्रदान कि गई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा सर्वक्षण आयोजित किया जाएगा। इस सर्वक्षण के माध्यम से जो डाटा कलेक्ट किया जाएगा उस के माध्यम से योजनाएं बनाई जाएंगी। श्रम मंत्रालय द्वारा पांच सर्वक्षण किए जाएंगे जो कि कुछ इस प्रकार है।
- All India survey of migrant workers
- All India Survey on Domestic Workers
- The All India Survey on Employment Generated by Professionals
- All India Survey on Employment Generated in Transport Sector
- All India Quarterly Establishment Based Employee Survey
AatmaNirbhar Bharat Rojgar Yojana का उद्देश्य:
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य की COVID-19 महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को विभिन्न तरीकों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इसी महामारी के कारण अपना रोजगार गवा चुके लोगों को पुनः नए रोजगार के अवसर प्रदान करना और इस योजना से वह अपना और देश का अर्थव्यवस्था से सुधार होगा, तथा एक बार फिर से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होंगे, यह योजना निश्चित रूप से रोजगार प्रदान करने में एक सकारात्मक भूमिका निभा सकेगी।
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AatmaNirbhar Bharat Yojana के बारे में 5 महत्वपूर्ण तथ्य:
- प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि एक आत्मानिर्भर भारत या एक आत्मनिर्भर भारत निम्नलिखित पांच स्तंभों (five pillars) पर खड़ा होना चाहिए:
- अर्थव्यवस्था (Economy)
- आधारभूत संरचना (Infrastructure)
- 21वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था और प्रणाली (21st-century technology-driven arrangements and system)
- मांग (Demand)
- जीवंत जनसांख्यिकी (Vibrant Demography)
- 20 लाख करोड़ का पैकेज देश की जीडीपी का लगभग 10% है।
- पैकेज भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर जोर देता है।
- पैकेज में एमएसएमई, कुटीर उद्योग, मध्यम वर्ग, प्रवासी, उद्योग आदि जैसे कई क्षेत्रों के उपाय शामिल हैं।
- भारत को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने और भविष्य में नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कई सुधारों की घोषणा की गई है। कुछ सुधार इस प्रकार हैं:
- सरल और स्पष्ट कानून (Simple and clear laws)
- तर्कसंगत कराधान प्रणाली (Rational taxation system)
- कृषि में आपूर्ति श्रृंखला सुधार (Supply chain reforms in agriculture)
- सक्षम मानव संसाधन (Capable human resources)
- मजबूत वित्तीय प्रणाली (Robust financial system)
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 1.0:
कर्मचारी/करदाता (Employees/taxpayers):
- वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न की विस्तारित समय सीमा (देय तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ा दी गई)
- स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की दरों में अगले वर्ष के लिए 25% की कटौती की गई है।
- पीएमजीकेवाई के तहत छोटी इकाइयों में कम आय वाले संगठित श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली ईपीएफ सहायता को और 3 महीने के लिए बढ़ाया जा रहा है।
- अगले 3 महीनों के लिए नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए पीएफ भुगतान 12% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises (MSME):
- ₹3 लाख करोड़ की आपातकालीन क्रेडिट लाइन यह सुनिश्चित करेगी कि व्यावसायिक गतिविधि को फिर से शुरू करने और नौकरियों की सुरक्षा के लिए 45 लाख इकाइयों के पास कार्यशील पूंजी तक पहुंच होगी।
- 2 लाख एमएसएमई के लिए अधीनस्थ ऋण के रूप में ₹ 20,000 करोड़ का प्रावधान जो तनावग्रस्त या गैर-निष्पादित संपत्ति मानी जाती है।
- ₹10,000 करोड़ के कोष के साथ MSME फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से ₹50,000 करोड़ के इक्विटी निवेश की योजना बनाई गई है।
- उच्च निवेश सीमा और टर्नओवर-आधारित मानदंड की शुरूआत की अनुमति देने के लिए एमएसएमई की परिभाषा का विस्तार किया जा रहा है। 20 मई, 2020, सीएनए को और पढ़ें ।
- ₹200 करोड़ तक की सरकारी खरीद के लिए वैश्विक निविदाओं की अनुमति नहीं होगी।
- सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम 45 दिनों के भीतर एमएसएमई के कारण सभी धन जारी करेंगे।
Nonbank financial companies (NBFCs):
- 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना, जिसके तहत एनबीएफसी के निवेश-ग्रेड ऋण पत्रों में निवेश किया जाएगा।
- आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार जिसके तहत सरकार। ऋणदाताओं को पहले नुकसान के 20 प्रतिशत की गारंटी देता है – एनबीएफसी, एचएफसी और कम क्रेडिट रेटिंग वाले एमएफआई।
डिस्कॉम (Discoms):
- ₹90,000 करोड़ liquidity Injection की घोषणा की गई है।
रियल एस्टेट (Real Estate):
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण और पूरा होने की तारीख छह महीने बढ़ाने की सलाह दी गई है।
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 2.0:
यह आत्मानिर्भर भारत पैकेज 2.0 में उन प्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा हैं जो COVID-19 की वजह से कोई काम वा मजूदुरी नहीं कर पा रहे है, इसमें मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर केंद्रित है जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं।
मुफ्त अनाज (Free food grains):
- केंद्र अगले 2 महीनों के लिए बिना राशन कार्ड के प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए ₹3,500 करोड़ खर्च करेगा।
उधार की सुविधाएं (Credit facilities):
- स्ट्रीट वेंडर्स को ₹5,000 करोड़ की योजना के माध्यम से आसान क्रेडिट तक पहुंच प्रदान की जाएगी, जो प्रारंभिक कार्यशील पूंजी के लिए ₹10,000 ऋण प्रदान करेगी।
- मछली श्रमिकों और पशुधन किसानों के साथ 2.5 करोड़ किसानों को नामांकित करने की योजना है, जो अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड योजना का हिस्सा नहीं हैं, और उन्हें 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण प्रदान करते हैं।
- नाबार्ड ग्रामीण बैंकों को फसल ऋण के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पुनर्वित्त सहायता प्रदान करेगा।
सबवेंशन राहत (Subvention relief):
- जिन छोटे व्यवसायों ने मुद्रा-शिशु योजना के तहत ऋण लिया है, जो कि 50,000 या उससे कम के ऋण के लिए हैं, उन्हें अगले वर्ष के लिए 2% ब्याज सबवेंशन राहत मिलेगी।
किफायती किराये का आवास (Affordable rental housing):
- मौजूदा प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) योजना के तहत पीपीपी मोड के माध्यम से रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना शुरू की जाएगी।
- सरकारी और निजी दोनों प्रकार की एजेंसियों को सरकारी और निजी भूमि पर किराये के आवास के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जबकि मौजूदा सरकारी आवास को किराये की इकाइयों में परिवर्तित किया जाएगा।
- PMAY के तहत निम्न-मध्यम वर्ग के आवास के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को भी एक वर्ष के लिए मार्च 2021 तक बढ़ाया जाएगा।
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme):
- अगस्त 2020 तक, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना 23 जुड़े राज्यों में 67 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को देश में कहीं भी किसी भी राशन की दुकान पर अपने कार्ड का उपयोग करने की अनुमति देगी।
MGNREGA:
- राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने मूल स्थानों को लौटने वाले प्रवासी कामगारों को मनरेगा योजना में शामिल करें।
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0:
इस आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0 में आर्थिक राहत पैकेज की कृषि विपणन सुधारों पर केंद्रित है। घोषित किए गए सुधारों में से कई लंबे समय से लंबित हैं और किसानों और उपभोक्ताओं दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
अंतर्राज्यीय व्यापार (Inter-state trade):
- फॉर्म commodities और ई-ट्रेडिंग के बाधा मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार की अनुमति देने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की योजना है।
- इससे किसान मौजूदा current mandi system कीमतों पर उपज बेच सकेंगे।
अनुबंध खेती (Contract farming):
- अनुबंध खेती की देख-रेख के लिए एक सुविधाजनक कानूनी ढांचा सुनिश्चित करने की योजना।
- यह किसानों को फसल बोने से पहले ही सुनिश्चित बिक्री मूल्य और मात्रा प्रदान करेगा और निजी खिलाड़ियों को कृषि क्षेत्र में इनपुट और प्रौद्योगिकी में निवेश करने की भी अनुमति देगा।
उत्पादन को नियंत्रण मुक्त करना (Deregulating produce):
- केंद्र आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करके अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू सहित छह प्रकार की कृषि उपज की बिक्री को नियंत्रित करेगा।
- राष्ट्रीय आपदा या अकाल या कीमतों में असाधारण उछाल को छोड़कर इन वस्तुओं पर स्टॉक की सीमा नहीं लगाई जाएगी। ये स्टॉक सीमाएं प्रोसेस और निर्यातकों पर लागू नहीं होंगी।
कृषि अवसंरचना(Agriculture infrastructure):
- फार्म-गेट इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और मछली श्रमिकों, पशुपालकों, सब्जी उत्पादकों, मधुमक्खी पालकों और संबंधित गतिविधियों के लिए रसद जरूरतों का समर्थन करने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश।
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 4.0:
यह भारत सरकार का अंतिम आत्मानिर्भर भारत पैकेज 4.0 में रक्षा, विमानन, बिजली, खनिज, परमाणु और अंतरिक्ष के क्षेत्रों पर केंद्रित है। निजीकरण पर बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
रक्षा (Defence):
- रक्षा उत्पादन को स्वदेशी बनाने के लिए कुछ हथियारों और प्लेटफार्मों के आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान।
- घरेलू पूंजी खरीद के लिए अलग बजट का प्रावधान है। इससे रक्षा आयात बिल को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमेटिक रूट के तहत एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की जाएगी।
- आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का निगमीकरण किया जाएगा और स्वायत्तता, दक्षता और जवाबदेही में सुधार के लिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा।
खनिज पदार्थ (Minerals);
- राजस्व-साझाकरण के आधार पर वाणिज्यिक खनन की शुरूआत के साथ कोयले पर सरकारी एकाधिकार को हटा दिया जाएगा।
- निजी क्षेत्र को 50 कोयला ब्लॉकों के लिए बोली लगाने की अनुमति होगी। निजी कंपनियों को भी गतिविधियों को करने की अनुमति होगी।
अंतरिक्ष (Space):
- अंतरिक्ष में निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों के लिए एक समान अवसर का निर्माण किया जाएगा, जिससे वे ISRO सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे और अंतरिक्ष यात्रा और ग्रहों की खोज पर भविष्य की परियोजनाओं में भाग ले सकेंगे।
- सरकार भू-स्थानिक डेटा नीति को आसान बनाएगी ताकि तकनीकी उद्यमियों को रिमोट-सेंसिंग डेटा अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध कराया जा सके, जिसमें सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
विमानन (Aviation):
- निजी-सार्वजनिक भागीदारी मोड पर छह और हवाई अड्डों की नीलामी की जाएगी, जबकि 12 हवाई अड्डों पर अतिरिक्त निजी निवेश आमंत्रित किए जाएंगे।
- हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों को कम करने के उपायों की घोषणा की गई है जो उड़ान को और अधिक कुशल बना देगा।
- भारत को एमआरओ हब बनाने के लिए एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और संचालन) कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाना।
शक्ति (Power):
- नई टैरिफ नीति की घोषणा के आधार पर केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली विभागों / उपयोगिताओं और वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा।
परमाणु (Atomic):
- मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मोड में अनुसंधान रिएक्टर स्थापित किए जाएंगे।
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत COVID-19 Recovery चरण के दौरान औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार के अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना” शुरू की जा रही है। यह योजना 2020-2023 की अवधि के लिए चालू होनी है।
EPFO योजनान्तर्गत लाभार्थी (नए कर्मचारी):
- रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाला कर्मचारी। 15000/- जो किसी भी ईपीएफओ पंजीकृत प्रतिष्ठान में काम नहीं कर रहे थे और जिनके पास 01 अक्टूबर, 2020 से पहले यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) नहीं था, जो 01.10.2020 को या उसके बाद 31.03.2022 तक किसी भी प्रतिष्ठान में रोजगार में शामिल होते हैं और जो आवंटित आधार मान्य UAN
- कोई भी ईपीएफ सदस्य, पहले से ही यूएएन के साथ आवंटित, जो किसी भी प्रतिष्ठान से 01.03.2020 से 30.09.2020 (कोविड महामारी) की अवधि के दौरान रोजगार से बाहर हो गया और जो 01.10.2020 को या उसके बाद और 31.03.2022 तक किसी भी प्रतिष्ठान में शामिल होता है
- केंद्र सरकार द्वारा नए कर्मचारियों के यूएएन में अग्रिम क्रेडिट द्वारा प्रोत्साहन देय है।
वैधता अवधि:
- पात्र नियोक्ताओं और नए कर्मचारियों के पंजीकरण के लिए
- 1 अक्टूबर, 2020 से
- 31 मार्च, 2022 तक
- EPF योगदान के रूप में प्रोत्साहन के भुगतान के लिए – नए कर्मचारियों के पंजीकरण की तारीख से 24 वेतन महीने
Eligibility criteria:
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठान यदि वे सितंबर, 2020 में कर्मचारियों के संदर्भ आधार की तुलना में नए कर्मचारियों को जोड़ते हैं:
- यदि संदर्भ आधार 50 कर्मचारी या उससे कम है तो न्यूनतम दो नए कर्मचारी।
- यदि संदर्भ आधार 50 से अधिक कर्मचारियों का है तो न्यूनतम पांच नए कर्मचारी।
लाभ:
भारत सरकार 1 अक्टूबर, 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक नियुक्त किए गए नए कर्मचारियों के संबंध में निम्नलिखित पैमाने पर दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी।
- 1000 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान: कर्मचारी का योगदान (मजदूरी का 12%) और नियोक्ता का योगदान (मजदूरी का 12%) कुल वेतन का 24%
- 1000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान: केवल कर्मचारी का ईपीएफ योगदान (ईपीएफ वेतन का 12%)
- पात्र नए कर्मचारी के आधार से जुड़े ईपीएफओ खाते (यूएएन) में अग्रिम जमा करने के लिए सब्सिडी सहायता।
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश:
ABRY को लागू करने के लिए, EPFO ने एंप्लॉयर के पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक सुविधा तैनात की है
- नियोक्ता को ABRY के तहत पंजीकरण करने के लिए EPFO यूनिफाइड पोर्टल पर एंप्लॉयर के लॉगिन में एक लिंक के माध्यम से फॉर्म 5A को अपडेट करना होगा, कर्मचारियों के संदर्भ आधार का खुलासा करना होगा।
- नियोक्ता को ABRY के तहत ऐसे कर्मचारी को “नए कर्मचारी” के रूप में पंजीकृत करने से पहले प्रतिष्ठान में शामिल होने वाले कर्मचारियों से पिछली सदस्यता के संबंध में घोषणा प्राप्त करने और सत्यापित करने के लिए।
- महीने दर महीने आधार पर लाभ प्राप्त करने के लिए, सभी कर्मचारियों के संबंध में घोषणा और ईसीआर नियोक्ताओं द्वारा दायर किया जाना है
- नियोक्ता को उस वेतन माह की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर प्रत्येक वेतन माह के लिए नए कर्मचारियों सहित सभी कर्मचारियों के संबंध में एक इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) दाखिल करना होगा। हालांकि, नियोक्ता ईसीआर को देर से जमा करने और धारा 7Q के तहत ब्याज की परिणामी देयता के लिए उत्तरदायी होगा।
- ऐसे ईसीआर में किसी भी संशोधन/सुधार/संशोधन को किसी भी भविष्य की तारीख में किसी भी बढ़े हुए लाभ का दावा करने की अनुमति नहीं है
- नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के मासिक वेतन से कर्मचारी के ईपीएफ अंशदान के हिस्से में कोई कटौती नहीं करेगा और इस तरह की कटौती के बिना मजदूरी का वितरण करेगा।
- एक या एक से अधिक प्रमुख नियोक्ताओं को श्रमशक्ति प्रदान करने में लगे ठेकेदारों के रूप में काम करने वाले प्रतिष्ठान इस योजना के तहत नियोक्ता के हिस्से के लाभ का दावा नहीं करेंगे, यदि यह दावा किया जाता है या प्रमुख नियोक्ता से प्राप्त किया जाता है।
- ABRY लाभ का दावा करने के लिए प्रस्तुत किए गए सभी विवरणों की शुद्धता के लिए नियोक्ता और प्रतिष्ठान जिम्मेदार होंगे।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना ऑनलाइन आवेदन:
जो कर्मचारी, संस्था तथा लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें भविष्य निधि ईपीएफओ के अंतर्गत अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है।
Employers के लिए online registration:
- सर्वप्रथम आपको ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
- होम पेज पर आपको सर्विसेस के टैब पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपको एंपलॉयर्स के टैब पर क्लिक करना होगा।
- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
- अब आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर एस्टेब्लिशमेंट के लिंक पर क्लिक करना होगा
- इसके पश्चात यदि आप श्रम सुविधा पोर्टल पर पंजीकृत है तो आपको यूजर आईडी, पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज करके लॉगइन करना होगा।
- यदि आप पंजीकृत नहीं है तो आपको साइन अप के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने पंजीकरण फॉर्म कौन कराएगा जिसमें आपको अपना नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर बता वेरीफिकेशन कोड दर्ज करना होगा।
- अब आपको साइनअप के बटन पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आवेदन प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो जाएगी।
Employee के लिए online registration:
- सबसे आपको ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
- होम पेज पर आपको सर्विसेस के टैब पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको Employees के टैब पर क्लिक करना होगा।
- Employee Registration
- इसके पश्चात आपको रजिस्टर हेयर के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर आएगा।
- आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे कि नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होगा।
- इसके पश्चात आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना Helpline number:
Helpline number 1800118005
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