Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2022: Online Registration | PMFBY
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2022:
भारत में लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषक की है, जो कई वर्षों से खेती का कार्य करते आ रहे हैं, जो खेतों में मेहनत करके पूरे देश की जनसंख्या को पेट भरने के लिए अनाज उपलब्ध कराते है, हमारे देश की आज़ादी हुए कई वर्ष हो गए लेकिन उसके बाद भी आज भी देश का किसानों की परिस्थिति अच्छी नही है, और किसान अच्छी उपज न होने कारण आत्महत्या करने को मज़बूर हो जाते है। किसानों की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए भारत सरकार ने वर्ष 18th February 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की महत्त्वकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुभ आरम्भ किया था तथा इस योजना के लिये भारत सरकार द्वारा करोड़ रुपयों को खर्च किये जाने की बात की गई थी।
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 16,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, यह वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित राशि से लगभग 305 करोड़ रुपये अधिक है । PMFBY का उद्देश्य किसानों की फसलों की सुरक्षा को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि फसल बीमा का अधिकतम लाभ किसानों तक पहुंचे।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana क्या होता है:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत में कृषि बीमा के लिए One Nation-One Scheme विषय के अनुरूप सरकार की प्रमुख योजना है।
- वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी फसलें, तिलहन और खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा, और दलहन) योजना के अंतर्गत शामिल हैं।
- PMFBY उन किसानों के लिए वैकल्पिक है, जिन्होंने संस्थागत ऋण नहीं लिया है, जबकि बैंकों से संस्थागत ऋण लेने वाले सभी किसानों को इस योजना के तहत अनिवार्य रूप से कवर किया गया है। (इसे संशोधित किया गया था और नामांकन को खरीफ सीजन 2020 के बाद स्वैच्छिक बनाया गया था।)
- यह योजना कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) द्वारा प्रशासित है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) के अंतर्गत प्रारंभ की गई थी।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल के नष्ट होने की दशा में किसानों को बीमा का पैसा उपलब्ध करती है तथा किसानों की आय बनाए रखने में मदद करती है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सभी खाद्यान्न, तिलहन, वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों को शामिल किया गया है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी की फसलों के लिए 1.5% निर्धारित की गई है। इसके अलावा वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों पर प्रीमियम राशि 5% है।
- यह योजना उन किसानों के लिये अनिवार्य है जिन्होंने उन फसलों के लिये फसल ऋण या किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card- KCC) के तहत ऋण लिया है, जबकि अन्य किसानों के लिये अनिवार्य (compulsory) नहीं है और वह ले भी सकते है या नहीं भी ले सकते है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के हिस्से से अधिक प्रीमियम लागत पर राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सब्सिडी दी जाती है।
- किसानों के हिस्से से अधिक प्रीमियम लागत पर राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सब्सिडी दी जाती है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा किया जाता है। बीमा कंपनियों एजेंसी का चयन संबंधित राज्य सरकार द्वारा नीलामी द्वारा किया जाता है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत न सिर्फ खड़ी फसल बल्कि फसल पूर्व बुवाई तथा फसल कटाई के पश्चात् जोखिमों को भी शामिल किया गया है।
- इस योजना के तहत स्थानीय आपदाओं की क्षति का भी आकलन किया जाएगा तथा संभावित दावों के 25 प्रतिशत का तत्काल भुगतान ऑनलाइन माध्यम से ही कर दिया जाएगा।
- यह फसल के खराब होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।
PMFBY 2.0 (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2.0):
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2.0 के तहत वर्ष 2020 से पहले यह योजना उन सभी किसानों के लिये वैकल्पिक थी, जिनके पास ऋण लंबित नहीं था लेकिन ऋणी उन सभी किसानों हेतु यह अनिवार्य था। वर्ष 2020 से यह सभी किसानों हेतु वैकल्पिक हो गया है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2.0 के तहत भारत सरकार ने इस योजना के तहत असिंचित क्षेत्रों के फसलों के लिये 30% और सिंचित क्षेत्रों के फसलों हेतु 25% तक की प्रीमियम दरों को केंद्र सरकार, और प्रीमियम की सब्सिडी को सीमित करने का निर्णय लिया है।
- भारत सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने की छूट दी है और उन्हें किसी भी संख्या में अतिरिक्त जोखिम कवर करने सुविधाओं का चयन करने का विकल्प दिया है।
- बीमा कंपनियों को सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों पर एकत्रित कुल प्रीमियम का 0.5% खर्च करना पड़ता है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) के तहत Technology का उपयोग:
- फसल बीमा एप:
- यह किसानों को आसान नामांकन सुविधा प्रदान करता है।
- किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल के नुकसान की सूचना देना आसान बनाता है।
- फसल के नुकसान का आकलन करने के लिये उपग्रह इमेजरी, रिमोट-सेंसिंग तकनीक, ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।
- भूमि की रिकॉर्ड को एकीकरण के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) पोर्टल की शुरुआत की गई है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) महत्वपूर्ण बिंदु / PMFBY Overview:
योजना का नाम | Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) |
Launched By | Prime Minister Shri Narendra Modi |
वर्ष | 18th February 2016 |
विभाग | Ministry of Agriculture & Farmers’ Welfare (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय) |
लाभार्थी | भारतीय कृषक |
ऑनलाइन आवेदन के तिथि | अप्रैल से जुलाई तक- खरीफ फसल |
ऑनलाइन आवेदन की तिथि | अक्टूबर से दिसम्बर तक- रबी की फसल, वाणिज्यिक (Commercial) तथा बागवानी फसल |
फसलों पर वार्षिक बीमा प्रीमियम राशि |
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उद्देश्य |
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योजना का प्रकार | केंद्र सरकार की योजना |
Official website | https://pmfby.gov.in |
PM Fasal Bima Yojana | Online Apply |
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana का उद्देश्य :
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प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में उपज के स्थायी उत्पादन के लिए सहायता प्रदान करना है। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) निम्नलिखित को लागू करके इसे हासिल करेगा।
- अप्रत्याशित आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान और क्षति के कारण संकट में फंसे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- यह सुनिश्चित करना कि किसानों की आय उनकी कृषि गतिविधियों को जारी रखने के लिए स्थिर है।
- कुशल और उच्च उपज वाली खेती के लिए किसानों को आधुनिक उपकरणों और कृषि पद्धतियों को अपनाने और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- कृषि क्षेत्र को ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण, और कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के अलावा किसानों को उत्पादन जोखिमों से बचाने में योगदान देता है।
- भारत सरकार द्वारा किसानों की सतत विकास एवं उत्पादन में समर्थन करना और बीमा कवरेज द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- प्राकृतिक आपदा और विभिन्न कीटों और रोगों के कारण होने वाली फसलों की हानि की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज एवं वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- भारत सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि प्रदान करना तथा बीमा की मदद से किसानों को कृषि कार्यों में स्थाई प्रदान करना ताकि किसान स्थाई रुप से कृषि कार्य में स लग रहे।
- भारत सरकार द्वारा किसानों को कृषि कार्य के लिए नई तकनीक और आधुनिक पद्धति को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कृषि कार्य में किसानों को ऋण प्रदान करना ताकि किसान, खेती सुचारू रूप से करता रहे ।
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) में सुधार:
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PMFBY में सुधार करने और इसके मौजूदा प्रावधानों में संशोधन लाने की मंजूरी दी है। इस उल्लेखनीय योजना को अपनी स्थापना के पांच साल पूरे हो गए हैं। इसलिए, संशोधित PMFBY 2.0 का उद्देश्य तकनीकी हस्तक्षेपों की एक श्रृंखला के माध्यम से फसल के नुकसान के अनुपात में किसानों के दावों की त्वरित गणना और भुगतान सुनिश्चित करना और सरकार द्वारा योजना में अधिक संशोधनों को लागू करना है।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए, प्रीमियम सब्सिडी में केंद्र की हिस्सेदारी 50% से बढ़ाकर 90 % की जाएगी।
- सूचना, संचार और शिक्षा (आईसीई) गतिविधियां – बीमा कंपनियों द्वारा एकत्र किए गए कुल प्रीमियम का 0.5% आईसीई गतिविधियों पर खर्च किया जाना है।
- राज्यों के लिए लचीलापन:
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को किसी भी जिला फसल संयोजन के लिए अपने वित्त के पैमाने को चुनने का विकल्प दिया जाएगा ।
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने अतिरिक्त जोखिम कवरों के चयन के साथ योजना को चलाने का विकल्प दिया ।
- केंद्र की प्रीमियम सब्सिडी पर कैप:
- असिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिए, केंद्रीय सब्सिडी 30% तक प्रीमियम दरों के लिए सीमित होगी
- सिंचित क्षेत्र/फसलों के लिए केन्द्रीय सब्सिडी 25% तक प्रीमियम दरों पर सीमित की जाएगी ।
- जिन जिलों में 50% से अधिक सिंचित क्षेत्र होगा, उन्हें सिंचित जिला माना जाएगा ।
- राज्यों पर जुर्माना:
- यदि कोई राज्य एक निर्धारित समय-सीमा (31 मार्च – खरीफ सीजन के लिए; 30 सितंबर – रबी सीजन के लिए) से परे बीमा कंपनियों को अपेक्षित प्रीमियम सब्सिडी जारी करने में देरी करता है , तो राज्यों को बाद के सीज़न में योजना चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- Crop Cutting Experiments (CCE) करने के लिए Smart Sampling Technique (SST) सहित प्रौद्योगिकी समाधानों को अपनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को क्यों बदला जा रहा है (Why is Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana being revamped)?:
- कृषि उत्पादन में जोखिम प्रबंधन के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाना।
- कृषि आय को स्थिर करना।
- पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को कृषि जोखिमों का प्रबंधन करने में सक्षम बनाना।
- त्वरित और सटीक उपज अनुमान के माध्यम से तेजी से दावों के निपटान को सक्षम करें।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) के तहत क्या शामिल है?:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल बीमा के तहत निम्नलिखित मामलों को कवर करेगी:
- स्थानीय प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूस्खलन, ओलावृष्टि आदि।
- बाढ़, सूखा, सूखा आदि जैसी आपदाओं के कारण उपज की हानि होती है। PMFBY द्वारा उपज हानि का कारण बनने वाले कीट संक्रमण को भी कवर किया जाता है।
- फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को भी इस योजना के तहत कवर किया जा सकता है। ये परिस्थितियां चक्रवात, बेमौसम बारिश, चक्रवाती बारिश आदि के कारण आ सकती हैं।
- फिर भी, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) निम्नलिखित परिस्थितियों में कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता है:
- युद्ध या इसी तरह की खतरनाक गतिविधियों के कारण नुकसान हुआ।
- शत्रुता या दंगों के कार्य के कारण उपज की हानि।
- घरेलू और/या जंगली जानवरों के कारण उपज का विनाश
- परमाणु जोखिमों के कारण संदूषण।
- दुर्भावनापूर्ण क्षति जिसके कारण जनसंहार होता है।
- फसल नुकसान के आकलन में तेजी लाने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक, स्मार्टफोन या ड्रोन का उपयोग करने की योजना द्वारा प्रस्तावित है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) की विशेषताएं :
- भारत सरकार द्वारा फसल बीमा में बहुत सारी फसलों को शामिल किया गया है जैसे खाद्य फसलों में मोटे अनाज, अनाज और दलहन तथा तिलहन की फसलें । वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलों में बीमा की कवरेज देने। तथा फसल बीमा कवरेज का संचालन बारहमासी बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के लिए लिया जा सकता है जिनके लिए अनुमान मानक पद्धति उपलब्ध किया गया है।
- फसल बीमा योजना भारत सरकार की एक आयोजित योजना है इस योजना ने पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (Restructured Weather-Based Crop Insurance Scheme: RWBCIS) के अतिरिक्त अन्य सभी मौजूदा बीमा योजना योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NATIONAL AGRICULTURAL INSURANCE SCHEME : NAIS) तथा संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NATIONAL AGRICULTURAL INSURANCE SCHEME : NAIS) को और अच्छा कर कर दिया गया हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को जोखिम या कवरेज, बीमा कवरेज देने की बात कही गई है और भारत सरकार द्वारा इस बीमा कवरेज को अनिवार्य कर दिया गया है इस योजना में सूखे मौसम, बाढ़, जलभराव, सूखा पड़ जाना, व्यापक रूप से कीट और रोग का हमला, भूस्खलन, प्राकृतिक द्वारा फसलों का नुकसान जैसे प्राकृतिक द्वारा आग लगना, तूफान, ओलावृष्टि एवं चक्रवात आग के कारण से तथा इसी के आधार पर उन क्षेत्रों में उपज की हानि बुवाई से लेकर कटाई तक का बीमा कवरेज देने का प्रावधान किया गया हैं।
- भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को एक अतिरिक्त कवरेज देने का प्रावधान भी है लेकिन इस अतिरिक्त कवरेज में जोखिम का कवरेज अनिवार्य नहीं है लेकिन राज्य सरकारें या संघ राज्यक्षेत्र फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति (State Level Coordination Committee on Crop Insurance: SLCCCI) के परामर्श से बुवाई रोपाई या अंकुरित में जोखिम, मध्य फसल में मौसम की प्रतिकूलता तथा फसल कटाई के उपरांत नुकसान (यह पहले अनिवार्य है अब नहीं है) स्थानीय आपदाओं, वन्य जीव या वन क्षेत्र से आए पशु व जानवर के द्वारा कवरेज प्रदान कर सकते हैं।
- भारत सरकार द्वारा फसल बीमा योजना में किसानों को युद्ध और परमाणु से जोखिम या क्षति से होने वाली हानियों को योजना में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है। यह प्रीमियम की राशि अन्य फसल बीमा योजनाओं की अपेक्षा में प्रधानमंत्री बीमा योजना में बहुत कम रखी गई है। प्रीमियम की राशि कुछ इस प्रकार है।
- खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम राशि 2%, निर्धारित
- रबी की फसलों के लिए प्रीमियम राशि 1.5%, निर्धारित
- वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम राशि 5%, निर्धारित
- यह प्रीमियम देय एक फसल एक वर्ष पर एक ही बार प्रीमियम दे रहेगा।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा बीमा की कवरेज में सब्सिडी समान अनुपात में भुगतान करने का प्रावधान किया गया है लेकिन हाल ही में भारत सरकार ने वर्ष 2020 के खरीफ मौसम में अपनी प्रीमियम सब्सिडी को 50% से घटाकर सिंचित क्षेत्रों के लिए 25% तथा असिंचित क्षेत्रों के लिए केवल 30% कर दिया है। तथा उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए 90% की सब्सिडी भारत सरकार और 10% राज्य सरकार भुगतान करने का प्रावधान किया गया है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए फसलों की बीमा राशि भारत सरकार के द्वारा या राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तथा फसल के औसत उपज का या जिला स्तर द्वारा निर्धारित मूल्य का चयन कर सकते हैं, जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित नहीं किया गया है उन फसलों हेतु फार्म गेट प्राइस (खेत पर) ही निर्धारित किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति या महिला किसानों का अधिकतम बीमा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किया जाएंगे।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए बीमा कंपनियों का कार्य का आवंटन 3 वर्षों के लिए किया जाएगा तथा इससे पूर्व राज्यों द्वारा जारी की गई टेंडर के माध्यम से 1 से 3 वर्ष के लिए विभिन्न अवधि के लिए की गई थी।
- भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में यदि राज्य सरकारें निर्धारित समय सीमा से पहले संबंधित बीमा कंपनियों को प्रीमियम सब्सिडी का भुगतान करने में असफल रहती है तो उन्हें आगामी मौसम में इस योजना को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए कृषकों को प्रीमियम भरने की खरीफ मौसम फसलों के लिए 31 मार्च और रबी मौसम फसलों के लिए 30 सितंबर की तिथि रखी गई है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को अपनी बीमा कंपनियों को स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) के लाभ :
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा फसल उपजाने वाले पट्टेदार किसानों को योजना में पात्र माना जाएगा।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा उन किसान जो जिसके पास उनके नाम का कृषि योग्य भूमि है वाह किसान फसल बीमा योजना के लिए पात्र माना जाएगा
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वाह किसान जो फसल बीमा योजना लेने के इच्छुक हैं और उनके नाम का कृषि योग्य भूमि है वाह इस योजना के पात्र माना जाएंगे।
- फसल बीमा योजना में जो किसान में केवल ऋण लिए थे उनके लिए यह योजना अनिवार्य था लेकिन भारत सरकार द्वारा ऋण लिए हुए सभी किसानों को फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक कर दिया गया है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) में पात्रता:
भारत सरकार द्वारा फसल बीमा योजना में उन सभी कृषकों को जिसके नाम का कृषि योग्य भूमि है उन सभी कृषकों को फसल बीमा योजना में पात्र माना जाएगा।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) में महत्वपूर्ण दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाता
- किसान का पता के लिए जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर कार्ड
- किसान खेत को किराए पर लेकर खेती की गई है तो खेत के मालिक के साथ इकरार की फोटो कॉपी मतलब (Agreement paper)
- खेत का खतौनी नंबर या खसरा नंबर के पेपर या भूलेख
- आवेदन कर्ता की फोटो
- किसानों द्वारा फसलों की बुवाई की दिन और तारीख
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन प्रक्रिया:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के PMFBY portal पर जाएं
- होमपेज पर, नीचे दिए गए “किसान कॉर्नर – स्वयं फसल बीमा के लिए आवेदन करें” पर क्लिक करें।
- किसान कॉर्नर पर क्लिक करने पर नए किसानों के लिए PMFBY फसल बीमा पंजीकरण फॉर्म खोलने के लिए “Guest Farmers” टैब पर क्लिक करके registration form पर क्लिक करें।
- वर्ष 2021 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन आवेदन पत्र इस प्रकार दिखाई देगा।
- किसानों का विवरण जैसे नाम और मोबाइल नंबर (Verify mobile number), Residential details, farmer ID (Aadhar number to be verified), बैंक खाता संख्या और विवरण दर्ज करें और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए “registration process.” बटन पर क्लिक करें।
- पंजीकरण करने के बाद, किसान फसल बीमा के लिए शेष फॉर्म भरने, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके लॉग इन कर सकते हैं।
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